मैंने अचानक ही कह दिया- मेरे काम की चीज़ अभी यहाँ नहीं मिलेगी.
तो वो मुस्कुरा दी और उनके पति की एक रम की बोतल ले आयी। जिसे देखते ही ऐसा लगा कि प्यासे को रेगिस्तान में शरबत मिल गया हो।
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फिर कुछ देर के बाद वो कपड़े बदल कर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया.
ब्लैक कलर की जालीदार नाईटी में वो किसी नामर्द का भी लण्ड खड़ा करवा दे.
उसके सेंट की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी. एक तो बरसात की रात.
ऊपर से काम की देवी मेरे साथ में … बहुत मुश्किल से खुद पर काबू करके बैठा था मैं। वो 2 गिलास ले कर आई और कुछ आइस क्यूब भी साथ में ले आई.
मैंने पूछा- आप भी ड्रिंक लेती हैं?
तो उसने कहा- हां कभी-कभी ले लेती हूं.
मैं खुद की किस्मत पर यकीन नहीं कर पा रहा था। बस कामदेव से यही कह रहा था कि कोई प्यार का तीर इस पर भी चला दीजिये।
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उसने टीवी चालू किया और मैंने 2 छोटे पेग बनाये। हम दोनों ने ड्रिंक खत्म की और टीवी पर कोई रोमांटिक मूवी चल रही थी. दोनों पर रम अपना असर दिखा रही थी.
तभी अचानक बहुत तेज बिजली की आवाज आई और वो डर कर मेरी बांहों में आ गयी.
डर से दुबक कर उसका मुंह मेरी छाती पर आ गया था.
मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था।
मैं धीरे-धीरे उसकी कमर सहलाने लग गया और वो भी मेरे आगोश में आ रही थी।
मेरी बढ़ी हुई धड़कन की आवाज बिल्कुल साफ़ सुनाई दे रही थी।
बड़े ही प्यार से मैंने उसे उठाया और उसके साथ खड़ा हो गया. तभी अचानक फिर बिजली की आवाज हुई.
वो फिर मुझसे चिपक गयी और मेरा लिंग महाराज, जो कि तन गया था, उसके बदन से सट गया था.
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वो भी उस पल का मजा ले रही थी।
मैंने उसके फूल जैसे कोमल चहरे को उठाया.
उसकी आँखों में कामवासना की झलक साफ दिख रही थी.
मैंने अपने होंठ उसके लाल होंठों पर धीरे से रखे और दोनों के होंठ एक दूसरे से रेस लगा रहे थे कि कौन किसे सबसे ज्यादा प्यार करता है!
मैं मन ही मन सोच रहा था कि बस ये समय यहीं रुक जाये और वो एक ऐसा सुखद अनुभव था जिसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।
जैसे ही मैंने उसे खुद से अलग किया तो उसने एक सवाल वाली निगाह से मुझे देखा।
मैं उसकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर करने लगा और मैं उसकी सुंदरता का गुलाम बनता जा रहा था.
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मैंने उसकी नाइटी पूरी उतार दी. वो अंदर लाल रंग की ब्रा और पेंटी में संगमरमर की मूरत के समान चमक रही थी।
मैं ऊपरवाले से मन ही मन कह रहा था कि मैं इस रात के लिए हमेशा तेरा गुलाम रहूँगा।
उसके वक्ष बिल्कुल सुडौल, गोल आकार के, सपाट पेट, गोल और गहरी नाभि. उसके तन पर कहीं भी अतिरिक्त मांस नहीं था.
साक्षात प्रकृति की खूबसूरती का नमूना थी वो.
मैं सोच रहा था कि देवताओं के पास ऐसी ही अप्सराएं थीं जिनसे वो तपस्या में लीन मुनियो में भी कामवासना जगा देते थे।
मैं सारी उम्र इसका गुलाम बन कर रहने को तैयार था.
कहने को शब्द नहीं हैं उसकी सुंदरता की तारीफ में … मैं सोच रहा था कि देवता भी इसे धरती पर भेज कर पछता रहे होंगे.
तभी उसकी आँखें मुझे फिर सवाल भरी निगाहों से देख रही थीं.
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मैं फिर अपनी कल्पना से बाहर आया और धीरे से उसकी ओर बढ़ा. उसके पीछे जाकर उसके सुनहरे बालों को आगे कर दिया.
फिर मैंने एक किस उसकी गर्दन पर किया तो उसके मुँह से प्यारी सी आह्ह निकली।
मैंने फिर 3-4 किस उसके कंधों और गर्दन पर जड़ दिए. मैंने उसकी ब्रा की डोरी को धीरे से खोला और ब्रा को हटा दिया.
फिर मैं आगे की तरफ गया और उसके उरोजों को देखा तो बस मेरे मुँह से एक आह्ह निकली.
बिल्कुल संगमरमर जैसे सफ़ेद गोल वक्ष थे. उन पर गुलाबी रंग के तने हुए निप्पल और उसका एलोरा भी गुलाबी कलर का. बस मन हुआ कि सारी उम्र इन्हें चूसता रहूं।
मैंने आगे बढ़ कर उन्हें अपने हाथों में पकड़ा.
इतने कोमल जैसे कोई स्पंज दबाया हो. मैंने धीरे से उन्हें दबाया. फिर अक्षिता के मुँह से एक आह्ह निकली।
अक्षिता ने मेरी टी-शर्ट उतार दी मैंने उसके एक उरोज के एलोरा पर अपनी जीभ फिराई तो अक्षिता के मुँह से फिर एक कामुक सिसकारी स्स्स … करके निकली.
मैंने उसके निप्पल को होंठों में दबाया और एक छोटे बच्चे की तरह उसे चूसने लगा.
अक्षिता भी कामवासना के सागर में गोते लगाने लगी. मैं जब उन्हें काटता तो अक्षिता के मुँह से सिसकारी निकल जाती.
अक्षिता भी जोर जोर से कह रही थी- जोर से चूसो … आह्ह … मैंने चूस-चूस कर उसके दोनों उरोजों को लाल कर दिया था.
फिर मैं उसे उठा कर बेडरूम में ले आया. वहां मैंने उसे किसी फूल की तरह लेटाया और उसके ऊपर खुद भी लेट कर किस करने लग गया।
मैं किस करते-करते नीचे की ओर जाने लगा.
उसकी गर्दन पर किस किया. फिर दोनों उरोजों के बीच से उसके पेट को चाटते हुए उसकी गहरी नाभि पर पहुंचा.
मैंने उसमें अपनी जीभ घुसा दी. अक्षिता ने फिर वही प्यारी सी सिसकारी भरी.
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मैंने उसके पेट को चाट चाट कर गीला कर दिया।
अब मैं बेड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया और उसके पैरों को हाथो में लेकर चाटने लगा.
वो लगातार वासना में बहती जा रही थी और सिसकारियां भर रही थी.
आगे की कहानी अगले अंक में…. पढ़ना न भूलें…
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